हैसियत प्रमाण पत्र (Income/Wealth Certificate) एक सरकारी दस्तावेज़ होता है जो किसी व्यक्ति की आर्थिक स्थिति या संपत्ति की पुष्टि करता है। यह प्रमाण पत्र विभिन्न सरकारी योजनाओं, स्कूल/कॉलेज में दाखिले, ऋण आवेदन, या कोर्ट केस में आवश्यक हो सकता है।
हैसियत प्रमाण पत्र क्या है?
यह प्रमाण पत्र बताता है कि व्यक्ति के पास कितनी संपत्ति (जैसे ज़मीन, मकान, गाड़ी) है और उसकी वार्षिक आय कितनी है। इसे आमतौर पर तहसील या SDM कार्यालय द्वारा जारी किया जाता है।
हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने हेतु पात्रता (Eligibility)
- आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
- आवेदक की स्थायी निवास स्थान की पुष्टि होनी चाहिए (स्थायी निवास प्रमाण पत्र आवश्यक होता है)।
- किसी विशेष योजना या ज़रूरत के लिए यह प्रमाण पत्र मांगा गया हो।
हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने हेतु जरूरी दस्तावेज (Required Documents)
- आवेदन पत्र (सरकारी कार्यालय से प्राप्त या ऑनलाइन)
- पहचान प्रमाण पत्र (जैसे – आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर ID)
- पते का प्रमाण (जैसे – राशन कार्ड, बिजली बिल, निवास प्रमाण पत्र)
- जमीन/संपत्ति के दस्तावेज (खतौनी, नक्शा, रजिस्ट्री इत्यादि)
- बैंक स्टेटमेंट / आय स्रोत का विवरण
- पासपोर्ट साइज फोटो
- स्व-घोषणा पत्र (Self-declaration)
- यदि कोई कोर्ट केस या विशेष प्रयोजन है, तो उसका संबंधित दस्तावेज
हैसियत प्रमाण पत्र के उपयोग (Use)
सरकारी टेंडर भरने के लिए: कई बार सरकारी या निजी टेंडर में भाग लेने के लिए यह प्रमाण पत्र माँगा जाता है, ताकि आपकी आर्थिक क्षमता का आकलन हो सके।
न्यायालय में प्रस्तुत करने के लिए: जैसे कि ज़मानत के दौरान, किसी केस में आर्थिक स्थिति बताने के लिए।
बैंक लोन लेने के लिए: बैंक या वित्तीय संस्थाएं यह प्रमाण पत्र माँग सकती हैं ताकि आपकी आर्थिक स्थिति का पता चले।
विज़ा आवेदन में: कुछ देशों में वीज़ा आवेदन के समय यह दिखाना होता है कि आपके पास पर्याप्त आर्थिक संसाधन हैं।
कॉर्पोरेट उपयोग: व्यापारिक साझेदारी या निवेश के समय आर्थिक हैसियत दिखाना ज़रूरी हो सकता है।
हैसियत प्रमाण पत्र की वैधता (Validity)
- इसकी वैधता आमतौर पर 6 महीने से 1 वर्ष तक होती है, परंतु यह राज्य/संस्था के नियमों पर निर्भर करता है।
- यदि किसी विशेष संस्था ने इसकी अवधि निर्धारित की हो, तो उसी के अनुसार वैध माना जाएगा।
- उपयोग के समय यह देखना ज़रूरी है कि प्रमाण पत्र अपडेटेड हो और जारी करने की तिथि से निर्धारित समय के भीतर हो।
हैसियत प्रमाण पत्र कैसे बनवाएं? (Step-by-step process)
ऑफलाइन तरीका:
- अपने नजदीकी तहसील / SDM कार्यालय में जाएं।
- आवेदन पत्र लें या डाउनलोड करके भरें।
- सभी ज़रूरी दस्तावेज़ों के साथ आवेदन जमा करें।
- ज़रूरत पड़ने पर अधिकारियों द्वारा सत्यापन किया जाएगा (जैसे पटवारी द्वारा स्थल जांच)।
- प्रक्रिया पूरी होने के बाद 7-15 दिन में प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।
ऑनलाइन तरीका :
- अपने राज्य की eDistrict / RTPS / Jan Seva Kendra वेबसाइट पर जाएं।
- “हैसियत प्रमाण पत्र” के लिए आवेदन विकल्प चुनें।
- फॉर्म भरें और दस्तावेज़ अपलोड करें।
- शुल्क (अगर कोई हो) ऑनलाइन जमा करें।
- आवेदन की रसीद और आवेदन नंबर प्राप्त करें।
- स्टेटस ऑनलाइन ट्रैक करें और प्रमाण पत्र डाउनलोड करें।
शुल्क (Fees)
कुछ राज्यों में यह निशुल्क होता है, जबकि कहीं-कहीं ₹10 से ₹50 तक शुल्क लिया जाता है।
समय सीमा
आमतौर पर 7 से 15 कार्य दिवस में प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है।